
आसिम अब्बासी द्वारा निर्देशित, ये सीरीज परिवार के पुनर्मिलन के बीच असली तिलिस्म और सुपरनैचुरल फैंटेसी का मेल है
मुम्बई : ब्यूरो:
छह खूबसूरत पोस्टर्स के साथ बरज़ख की दुनिया की झलक पेश करते हुए ज़ी जि़ंदगी लेकर आया है बहुप्रतीक्षित सीरीज ‘बरज़ख’। ऐसा करते हुए ज़ी जि़ंदगी ने अपने दायरे का थोड़ा और विस्तार किया है। इस जबर्दस्त शो का निर्देशन, चुड़ैल्स और केक वेब सीरीज के निर्माता आसिम अब्बासी ने किया है। ये सीरीज पाकिस्तान की ओर से ऑस्कर में आधिकारिक एंट्री के रूप में भेजी गई थी। जि़ंदगी के साथ उनकी ये दूसरी साझेदारी है। फ्रांस में प्रतिष्ठित सीरीज मेनिया फेस्टिवल में बहुप्रशंसित प्रीमियर के बाद ‘बरज़ख’, दुनियाभर के दर्शकों के लिए जि़ंदगी के यूट्यूब तथा ज़ी5 पर शुक्रवार, 19 जुलाई से उपलब्ध होगी। इसमें पूरी दुनिया के पसंदीदा आईकन फवाद खान और टैलेंटेड सनम सईद ने अभिनय किया है।
‘बरज़ख’ में 76 साल के एक तन्हा व्यक्ति की जि़ंदगी दिखाई गई है। वे एक वीरान रिज़ॉर्ट में अपने बिछड़े हुए बच्चों और पोते-पोतियों को बेहद ही अलग तरह के जश्न व कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बुलाते हैं। यह उनके पहले प्यार के साथ शादी का मौका है, जोकि एक भूतनी है। भावनाओं से भरपूर ये कहानी दर्शकों को जि़ंदगी की पहेलियों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है, आखिर मरने के बाद क्या होता है। साथ ही प्यार के उस अटूट रिश्ते की ओर ध्यान दिलाती है जो हमें आपस में जोड़ता है।
इस सीरीज में दर्शकों को हुन्जा घाटी के खूबसूरत नजारों से रूबरू कराया गया है और यहां की खूबसूरती को दर्शाते हुए जि़ंदगी की कहानी को परदे पर उकेरा गया है।
6 एपिसोड की इस सीरीज में फवाद खान और सनम सईद के अलावा, सलमान शाहिद, एम. फवाद खान, इमान सुलेमान, खुशहाल खान, फैजा गिलानी, अनिका जुल्फिकार, फ्रेंको गस्टी जैसे बेहतरीन कलाकारों ने काम किया है। ख्यात चैनल जि़ंदगी, फवाद और सनम को 12 साल पहले आए उनके पिछले सुपरहिट शो जि़ंदगी गुलजार के बाद एक बार फिर साथ लेकर आया है।
शैलजा केजरीवाल और वकास हसन के निर्माण के साथ मोहम्मद आज़मी की सिनेमेटोग्राफी वाली सीरीज, बरज़ख इस इंडस्ट्री के दूरदर्शी प्रतिभाओं का एक साझा प्रयास है।
इसके साथ ही, बरज़ख दिलचस्प कहानी के जरिए बड़ी ही बेबाकी से मेंटल हेल्थ, पोस्टपार्टम डिप्रेशन, अलग-अलग पीढ़ी के आपसी मतभेद और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर बात करती है। ये सीरीज सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देती हुई नजर आती है। ये इंसानी अस्तित्व के जटिल ताने-बाने में लोककथाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की तरफ भी ध्यान दिलाती है और दर्शकों को जि़ंदगी की बारीकियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है।
निर्देशक आसिम अब्बासी कहते हैं, “हर कहानीकार अपने कॅरियर में ऐसा सपना देखता है कि उसे खुलकर अपनी बात कहने की आजादी मिले। बरज़ख वही है- इस जंगल में मैं अपनी धुन में कुछ जादू रचने की उम्मीद में इधर-उधर दौड़ रहा हूं – कुछ ऐसा बनाने की सोच रहा हूं जिसमें थोड़ा अध्यात्म और काफी सारी अनोखी चीजें हों। ये कहानी है प्यार और विश्वास की। किसी से जुड़ने और अपने होने का अर्थ जानने की इंसानी बेताबी की। एक टूटा, हारा हुआ व्यक्ति कोशिश करता है उन सारी चीजों को थाम लेने की जिन्हें वो थाम सकता है, ताकि इस विशाल, बुरी, खूबसूरत चीज को समझा सके-जिसे जि़ंदगी कहते हैं। इसके लिए मैं शैलजा और जि़ंदगी का शुक्रगुजार हूं, ‘बरज़ख’ मेरे लिए सही मायने में एक अनोखा मौका है। उम्मीद करता हूं कि छह घंटों की यह सीरीज दर्शकों का मन मोह लेगी और उनका मनोरंजन करेगी। इससे भी ज्यादा मैं चाहता हूं कि यह वीरान-सी जगह कुछ अलग अंदाज में उनके दिलों में ठीक उसी तरह थोड़ा बदलाव लेकर आए जैसाकि इसकेनिर्माण से जुड़े हममें से काफी लोगों को इसने बदला है।’’
शैलजा केजरीवाल अपनी बात रखते हुए कहती हैं, “ये एक शादी का निमंत्रण है। एक मरी हुई दुल्हन। एक परिवार का पुनर्मिलन, जहां भूत आए हुए हैं! इस तरह के कॉन्सेप्ट आपको उन कारणों की तरफ ले जाने का प्रयास करते हैं कि आपने बाकी सबकुछ छोड़कर इस प्रोफेशन को क्यों चुना। सुरक्षित रहकर, क्रिएटर पर आंकड़े और फोकस ग्रुप को डाला जा सकता है या फिर एक अजीबोगरीब विश्वास के साथ उसका सूत्रधार बना जा सकता है। ‘बरज़ख’ मेरे लिए वो कहानी है जहां सभी कलाकार एवं तकनीशियन दल एक अनोखे, नए और दिमाग को झकझोर देने वाली चीज तैयार करने के लिए एकजुट हुए। आसिम अब्बासी ने एक बेहद ही खूबसूरत दुनिया बनाई है जहां भूत अपनी अधूरी भावनाओं का बोझ उठाए दूधिया आंसू बहाते हैं; एक ऐसी दुनिया जहां परियां परेशान लड़कियों को पहाड़ियों के पीछे अपने घास के मैदानों में लेकर जाती हैं, जहां खुबानी के पेड़ों के नीचे प्यार की कोपलें खिल रही होती हैं और जनम-जनम साथ निभाने के वादे किए जा रहे हैं! लियो टॉलस्टॉय ने कहा था, “सभी खुशहाल परिवार एक जैसे होते हैं; लेकिन हर दुखी परिवार के दुख मनाने का अपना तरीका होता है।‘’ ‘बरज़ख’ में मूल रूप से एक बिछड़े हुए परिवार की कहानी दिखाई गई है जोकि शादी के लिए इकट्ठा होते हैं। ये अनोखा है क्योंकि इसमें जिंदा लोगों के साथ-साथ मरे हुए इंसानों का भी मेल होता है। ये काफी सुखद है, क्योंकि इसका अंत बेहद खुशनुमा है!”
निर्माता वकास हसन कहते हैं, “आसिम और शैलजा के साथ ‘बरज़ख’ की दुनिया बनाना, कई मायनों में सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि इतने बड़े स्तर के प्रोजेक्ट से जुड़े काफी सारे लोगों के लिए एक उपलब्धि है। मुझे ऐसा लगता है कि अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन का हिस्सा बनने से ना केवल मेरा दायरा बढ़ा है, बल्कि पाकिस्तानी फिल्मकारों और कलाकारों को एक मंच मिला है, जहां वे विश्व स्तर की अपेक्षाओं और क्वालिटी पर खरे उतर सकें। असली गांव बनाने से लेकर ताउम्र की दोस्ती और कम्युनिटी बनाने तक; घिसे-पिटे तरीके या सामान्य कहानी से परे जाकर इस कहानी का रास्ता तैयार करने तक, ‘बरज़ख’ में वो सारी चीजें हैं। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि टीम बरज़ख ने इस प्रोजेक्ट में अपनी पूरी जान लगा दी है और पूरी दुनिया के सामने इसे पेश करने का मुझे बेसब्री से इंतजार है।”
जि़ंदगी के यूट्यूब और ज़ी5 पर एक साथ 19 जुलाई को रिलीज हो रही बरज़ख, सीमाओं के पार हलचल मचाने को तैयार है, यह पूरी दुनिया के दर्शकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है।
