गुणवत्ता नियंत्रण में अह्म भूमिका निभाते है कम्पनी सेक्रेटरीज :असीम अरूण
अयोध्या में आईसीएसआई के प्रैक्टिसिंग कंपनी सचिवों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

अयोध्या। संवाददाता:
कंपनी सेक्रेट्रीज गुणवत्ता नियंत्रण में अहम भूमिका निभाते हैं। ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत को विश्वगुरु भारत बनाने में इनका सहयोग बेहद आवश्यक है“। यह बात असीम अरुण , राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण , उत्तर प्रदेश ने आईसीएसआई के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते समय कही। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) के प्रैक्टिसिंग कंपनी सचिवों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत आज 14 जून उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुई। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विकसित भारत /2047 में कंपनी सेक्रेट्रीज की भूमिका और देश की प्रगति तथा विकास के लिए चर्चा होगी। श्री असीम अरुण , राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण , उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की तथा श्री नीतीश कुमार, आईएएस, जिला मजिस्ट्रेट, अयोध्या, विशिष्ट अतिथि थे। मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मेलन विकसित भारत के विचार का ही एक रूप है। हम सभी सामाजिक समावेश और स्थिरता की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं। भारत में सस्टेनेबिलिटी सदियों पुरानी अवधारणा रही है, जिसे की इनोवेशन और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की जरूरत है। मैं कंपनी सचिवों से आग्रह करता हूं कि विश्व गुरु बनने से पहले, आइए हम सब मिलकर विश्व शिष्य बनने का प्रयास करें और दुनिया से सीखने के सभी अवसरों का लाभ उठाएं।’’ समावेशिता को अपनाने पर जोर देते हुए श्री नीतीश कुमार ने कहा, “सुशासन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक, सभी को साथ लेकर चलना है। क्षेत्र के विशेषज्ञों के रूप में, कंपनी सचिव ही ऐसी नीतियां विकसित करने में मदद कर सकते हैं जो देश में व्यापक बदलाव लाने के मानदंड निर्धारित करती हों“। आईसीएसआई के अध्यक्ष बी नरसिम्हन ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4 एस अर्थात स्किल, स्केल, स्पीड और सस्टेनेबिलिटी को अपनाने के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “कंपनी सचिवों को अधिक व्यापक जीडीपी (शासन, विकास और प्रदर्शन) के लिए एकाग्र प्रयास करने चाहिए। सीएस पेशे के ये 25 प्रतिष्ठित वर्ष देश में सुशासन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं“।
