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लखनऊशिक्षा

द्विदिवसीय इनोवेशन, डिज़ाइन और एंटरप्रेन्योरशिप (IDE) बूटकैम्प का इंटीग्रल विश्विद्यालय में आयोजन

लखनऊ : ब्यूरो ::
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ और इंटीग्रल स्टार्टअप्स फाउंडेशन ने भारतीय सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, AICTE, भारत सरकार, नवाचार सेल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सहयोग से प्रतिष्ठित द्विदिवसीय इनोवेशन, डिज़ाइन और एंटरप्रेन्योरशिप (IDE) बूटकैम्प का आयोजन इंटीग्रल विश्विद्यालय में किया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत इंटीग्रल स्टार्टअप्स फाउंडेशन (ISF) के एंबेसडर द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए पौधे भेंट करने से हुई। इसके बाद डा निदा फातिमा ने गणमान्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन किया तत्पश्चात बूटकैम्प की शुरुआत हुई।

प्रोफेसर जावेद मुसर्रत, माननीय कुलपति, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, ने अपने संबोधन में बताया कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो सामाजिक परिवर्तन लाने, उद्योगों पर प्रभाव डालने और समाज के विकास में योगदान करने के लिए उत्कृष्ट शैक्षिक अनुभव प्रदान करने में निहित है।

माननीय मुख्य अतिथि, श्री रवि रंजन, IAS, MD, UPLC ने उद्घाटन भाषण में शिक्षा में नवाचार और उद्यमिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को वह कौशल और ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है, जिससे वे छात्रों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा दे सकें और उन्हें नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बना सकें।

सम्मानित अतिथि, श्री विष्णु कांत पांडेय, ASPD, समग्र शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने कहा कि शिक्षकों को उद्यमिता की सोच विकसित करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान द्वारा सरकार नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे छात्रों में रचनात्मक सोच और उद्यमिता बढ़ावा मिले। श्री मदन मोहन शरण सिंह, इण्डोवेशन मैनेजर, शिक्षा मंत्रालय के नवाचार सेल (MIC) ने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप्स भविष्य को आकार दे रहे हैं और शिक्षकों तथा विद्यालयों के नेतृत्व में उद्यमिता सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीकी, रजिस्ट्रार, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने संबोधन में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की यात्रा को संक्षेप में साझा किया। उनके भाषण ने विश्वविद्यालय की नवाचार और उद्यमिता के प्रति प्रतिबद्धता का संदर्भ प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ ।

इसके बाद अन्य सत्र आयोजित किए गए जिसमें स्पार्क क्वेस्ट: नवाचार और डिज़ाइन थिंकिंग सिद्धांतों, आंतरिक उद्यमिता कौशल, समस्या और अवसर पहचानना, युवा नवप्रवर्तकों की मेंटरिंग, कस्टमर डिस्कवरी कार्यशाला, समाधान विचार, छात्र स्टार्टअप्स के लिए ग्रांट्स, फंडिंग अवसरों, प्रोटोटाइपिंग, वित्तीय साक्षरता के मूल सिद्धांत और प्रोटोटाइपिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।

इन सत्रों में नवाचार के विभिन्न मॉडलों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें उद्यमिता कौशल के अन्वेषण के लिए उपकरण, उद्यमिता उपक्रमों में नवाचारों पर केस चर्चाएँ, डिज़ाइन थिंकिंग दृष्टिकोण के साथ पर्सोना तैयार करना, ग्राहक सेगमेंट द्वारा Jobs-To-Be-Done के बारे में सीखना, विचार उत्पन्न करने की तकनीकें और अन्य संबंधित विषय शामिल थे।
सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इन्क्यूबेशन सेंटर / सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया और DoSELMOE द्वारा किए गए नवाचार प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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