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गोंडा

सम्पति के लालच में अपनों ने ही ट्रेन में बिठाकर कराया लापता

अपनों ने साथ छोड़ा, तो अस्पताल में लावारिस हो गए

आइसोलेसन विभाग में बायो से पोस्ट ग्रेजुएट राजकुमार उर्फ राजू मिश्रा के साथ दो अन्य हुए लावारिस 

गोंडा। अशफ़ाक ::

लालच की हवस में अंधे होकर, रिश्तों को दरकिनार कर, जब इंसान फायदा और नुकसान की तौल करने लगता है तब रिश्ते नाते बेमानी हो जाते है।

ऐसा ही मामला मेडिकल कालेज अस्पताल के आइसोलेशन विभाग में भर्ती मरीज राजकुमार उर्फ राजू मिश्रा 51 वर्ष पुत्र सूर्यपाल मिश्रा निवासी पांडे पुरवा थाना परसपुर, कामता तिवारी 70 पुत्र पृथ्वीनाथ तिवारी निवासी मंझारा वजीरगंज , समुंदरा देवी 60 जिला जमतिया भागलपुर बिहार ,का प्रकाश में आया है।

06 अगस्त मंगलवार के दिन आइसोलेशन विभाग में भर्ती तीन लावारिश मरीजों के संबंध में जानकारी की गई, तो जो कहानी निकल कर सामने आई उसने मानवता और रिश्तों के बंधन को तार तार कर लालच की उस प्राकाष्ठा को पार कर दिया जिसके बाद सारे रिश्ते नाते बेमतलब हो जाते है। लावारिश हालत में इलाज करा रहे इन मरीजों की आंखों में अपनों से दूर रहने का गम और वापस अपने घर लौटने की आस अभी बाकी है। जब उनसे अस्पताल में कैसे पहुंचे और लावारिश क्यों दर्ज हुए के संबंध में बात की गई तो जो कहानी निकल कर सामने आई वह दिल को झकझोर देने वाली है।

परसपुर के राजकुमार उर्फ राजू ने बायो से पोस्ट ग्रेजुएट कर रखा है। पांडे पुरवा में वह सनातन राम जानकी मंदिर ट्रस्ट का पुजारी था। पत्नी का देहांत हो चुका है। उसकी एक बेटी है। उसे सांस की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है।

डेढ़ बीघा जमीन के लालच में आकर सगे भाई ने बेटी को रिश्तेदार के घर भेज दिया और भाई को लावारिश हालत में मेडिकल कालेज भर्ती करा कर फरार हो गए। उसका कहना है कि भाई ने जमीन और गद्दी दोनो पर कब्जा करने के लिए यह तरीका अपनाया है।एक हफ्ते बाद हालत में सुधार होने पर उसे घर की याद सता रही है। वह अस्पताल कर्मचारियों से घर भेजे जाने की गुहार लगा रहा है।

कामता तिवारी निवासी मंझारा का मामला इससे अलग है। उसका इस दुनिया में एक बड़े भाई के सिवा कोई नही है। उसके पास मात्र एक विसवा जमीन मडहा रखने भर का है।बस इसी कारण उसे घर वालो ने त्याग दिया और लावारिश हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा कर गायब हो गए। वह भी आने जाने वालों से घर भेजे की गुहार लगाता फिर रहा है।

समुन्दरा देवी भागल पुर बिहार की रहने वाली है। वह कुछ मंद बुद्धि है। इसी का फायदा उठा कर घर के लोगों ने ही उसे गंगा नहाने के बहाने ट्रेन में बिठा दिया और वह भटकते हुए गोंडा पहुंच गई।जहां जीआरपी ने उसे बीमारी की हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया है। वह भी अब लोगों से अपने घर भेजने की बात करते हुए रोने लगती है।

इस बारे में अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा अधीक्षक एम डबल्यू खान से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूर्व में भी कई ऐसे मरीजों को उनके घर सफलता पूर्वक भेजने में विभाग सफल रहा है। इन मरीजों को वह स्वयं उनके घर भेजना चाहते हैं, किंतु इन्हे लेने के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं है। ऐसे मरीजों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। जब तक घर वाले उन्हें लेने को सामने नही आते इन्हे अकेले छोड़ा नहीं जा सकता। इनके घरवालों से संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही इन्हे घर भेजने का प्रयास किया जाएगा।

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